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इम्पैक्ट और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर में क्या अंतर है?-Types of Printers.


प्रिंटर 

प्रिंटर आउटपुट डिवाइस के लिए उपयोग किया जाता है। प्रिंटर आउटपुट की हार्ड कॉपी देता है जो बाद के रेफरेंस के लिए स्टोर की जाती है। प्रिंटर दो प्रकार के होते है -

इम्पैक्ट प्रिंटर और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर 

Character Impact Printer                                                  (i)DMP (Dot matrix printer)                                                                 इस तरह के printer में किसी character को print करने के लिए dot matrix (जैसे 5 X 7 या 7 X 9 dot matrix signal print head के साथ ) में से कुछ dot चुनते हैं।  किसी एक character की printing के लिए एक समय में एक  column का उपयोग करते है।  फिर इसमें से जरुरी  dot print होने के बाद अगले dot column को और इसी तरह के पूरा character print करता है। इस printer की printing गति 30 से 600 CPS (character per second ) के बीच होती है।  ये bidirectional (अर्थात् एक line बायें से दायें ओर व दूसरी line दायें से बायें ओर print करते हैं ) printer's होते है। इनका कोई निश्चित character font (अर्थात् उपलब्ध character समूह ) नहीं होते हैं परन्तु यह Bolt, Italic graphic's व अलग-अलग प्रकार के अक्षर print कर सकते हैं।                                                                

Dot matrix printer

  

(ii)Daisy wheel printer                                                                                                   Daisy wheel एक LQP (Letter Quality Printer)होता है तथा LQP का उपयोग वहाँ पर किया जाता है जहाँ पर printing की quality बहुत ज्यादा जरुरी होता है।  यह DMP से बहुत धीमा होता है। क्योकि इसकी गति 10 से 90 CPS होती है।  इनके कुछ निश्चित Font patterns होते हैं  जो printing में उपयोग किये जाते हैं तथा ये graphic's को सपोर्ट नहीं करते हैं।  ये बहुत महँगे होते हैं।                             
Daisy wheel printer
Character Non-impact printer                                          
(i) Ink Jet printer                                                   
ये printer भी dot matrix का ही उपयोग करते हैं किन्तु साथ ही इन दोनों में से कोई एक विधि का उपयोग जरूर करते हैं                                                                                           
(i) Steady stream Ink Jet or                                                                                     
(ii) Drop-on-demand Ink Jet                                                                                      इस विधि में print head के एक या अधिक nozzels  ( छेद ) छोटे-छोटे-से ink drops (बूंदों )का लगातार फव्वारा छोड़ते हैं।  इस ink में बहुत अधिक आयरन के अवयव होते हैं जो की Magnetic field (चुम्बकीय  क्षेत्र ) अर्थात् deflecting plates से प्रभावित होते हैं। ये plates ink की बूंदों को पेपर पर उचित दिशा देने के लिए उन्हें deflect ( इधर-उधर ) करती है, जिससे character बनता है।  इस विधि में बहुत अधिक nozzles उपयोग किये जाते हैं तथा ink drop तब छोड़ी जाती है जब जरूरत होती है।  Ink Jet printer की गति 40 से 600 CPS के बीच होती है।
पाइजोइलेक्ट्रिक इंकजेट प्रौद्योगिकी का प्रयोग सभी IPSON के प्रिंटर्स तथा औद्योगिकीय इंकजेट प्रिंटर्स में होता है। इस प्रकार के प्रिंटर्स में गर्म करने वाले तत्व के बदले में प्रत्येक नोजल में पाइजोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल का प्रयोग किया जाता है। पाइजोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल प्राप्त विद्युत धारा के आधार पर रूप तथा आकार बदलते हैं तथा नोज़ल से कागज पर स्याही के छोटे-छोटे बूंदों को छोड़ते हैं। थर्मल इंकजेट प्रिंटर्स में जलीय स्याही  प्रयोग होता है जो पानी, ग्लायकोल (glycol) तथा रंगों का मिश्रण होता है। ये कागज सस्ते होते है, लेकिन इसका प्रयोग केवल कागज या विशेष रूप  लेपित पदार्थों पर ही किया जा सकता है। पाइजोइलेक्ट्रिक इंकजेट प्रिंटर में कई प्रकार की स्याही जैसे - सॉल्वेंट स्याही, डाई सबलिमेशन स्याही इत्यादि का प्रयोग होता है तथा ये विभिन्न आलेपित पदार्थों  पर टेक्सट और ग्राफिक्स छाप सकता है। इंकजेट हेड डिजायन दो मुख्य समूहों जैसे फिक्स्ड हेड तथा डिस्पोजेबल हेड में बंटा होता है। फिक्स्ड हेड प्रिंटर में ही बना होता है तथा प्रिंटर जब तक चलता है यह चलता है। यह सस्ते डिस्पोजेबल हेड की अपेक्षा अधिक स्पष्ट आउटपुट पैदा करता है। फिक्स्ड हेड प्रिंटरों के स्याही कार्टेज सस्ते होते हैं क्योकिं इसका प्रिंट हेड बदलना हैं। किन्तु हेड ख़राब हो जाने की स्थिति में पूरा प्रिंटर ही बदलना पड़ता है। डिस्पोजेबल हेड में इंक कार्टेज की बदलने की व्यवस्था रहती है। इसे कार्टेज में स्याही समाप्त होने की स्थिति में बदल दिया जाता है। इसके कारण स्याही कार्टेज की लागत बढ़ती है तथा इन कार्टेज में उच्च क़्वालिटी प्रिंट हेड का उपयोग सीमित होता है। किन्तु इसमें प्रिंट हेड का नष्ट होना समस्यादायक नहीं होता क्योकि इसे नये स्याही कार्टेज के साथ बदला जा सकता है। कुछ प्रिंटर निर्माता डिस्पोजेबल स्याही तथा डिस्पोजेबल प्रिंट हेड का अलग-अलग प्रयोग करते हैं। प्रिंट हेड सस्ते डिस्पोजेबल हेड से अधिक चलते हैं तथा बड़ी मात्रा  प्रिंटिंग के लिए उपयुक्त होते हैं। यद्यपि इंकजेट प्रिंटर सामान्यतः घरों या छोटे व्यापारों में प्रयोग होता है। कुछ निर्माताओं  औद्योगिकी उद्देश्यों के लिए अच्छा परिणाम देने वाले इंकजेट प्रिंटर्स बनाये हैं। इन इंकजेट प्रिंटरों का प्रयोग विज्ञापन ग्राफिक्स व तकनीकी रेखाचित्र छापने में होता है।   
इंकजेट प्रिंटर की विशेषताएँ 
1. कम लागत। 
2. उच्च स्तर  परिणाम। बिल्कुल स्पष्ट विवरणों  साथ छपाई करने में सक्षम। 
3. चमकीले रंगों में छपाई करने में सक्षम। 
4. चित्रों के छपाई के लिए उत्तम। 
5. उपयोग में आसान। 
6. डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की अपेक्षाकृत अधिक शांत। 
7. वॉर्म-अप टाइम (गर्म होने में लगने वाला समय ) की आवश्यकता नहीं।   
  इंकजेट प्रिंटर की कमियाँ 
1. प्रिंट हेड कम टिकाऊ। प्रिंट हेड क्लॉगिंग (clogging) तथा इसके नष्ट होने की सम्भावना अधिक। 
2. स्याही कार्टेज को बदलना महँगा। 
3. बड़ी संख्या में प्रिंटिंग लिए अच्छा नहीं। 
4. लेजर प्रिंटर की तरह इसकी प्रिंटिंग गति तेज नहीं। 
5. स्याही का बहाव तथा किनारे पर स्याही लग जाने के कारण कागजों पर भद्दा प्रभाव। 
6. जलीय स्याही पानी संवेदी होती है जिसके कारण पानी की बूँद भी। 
7 इंकजेट प्रिंट-आउट्स पर हाइलाइट मार्कर का प्रयोग मुश्किल।   
Ink jet printer
(ii) Laser printer                                                यह भी dot matrix का उपयोग करता है किन्तु इसमें dot इतने अधिक पास होते हैं की वह एक ही अक्षर दिखाई देता है। इसकी printing electrostatic या optical विधि पर आधारित होता है व इसमें laser beam और electrographic तकनीक का संयुक्त उपयोग किया जाता है।  यह बिलकुल जेरॉक्स (photocopy) machine के समान होता है।  Autosensitive drum पर laser के द्वारा image बनाया जाता है।  इस प्रक्रिया को करने के लिए laser को on व off करना होता है, जब यह drum पर आगे व पीछे जाती है। इस Image को ink देने के drum की Image पर apply किया जाता है।  फिर यह Image electrostatically  drum से paper पर स्थानांतरित हो जाती है साथ-ही-साथ heading की प्रक्रिया भी चलती रहती है जिससे कि inked image को paper पर fuse (पिघलने)किया जाता है।  इसकी Printing गति लगभग 20,000 lines प्रति मिनट है। 
लेसर प्रिंटर की विशेषताएँ 
1. उच्च रिजोलूशन (सामान्यतः 600 से 1200 डॉट्स प्रति इंच तक)
2. उच्च प्रिंटिंग गति।
3. दाग धब्बा रहित छपाई। 
4. प्रति पृष्ट छपाई की इंकजेट प्रिंटर के अपेक्षाकृत कम कीमत। 
5. प्रिंट आउट जल संवेदनी नहीं। 
6. बड़ी मात्रा में छपाई के लिए उपयुक्त। 
लेजर प्रिंटर की कमियां
1. इंकजेट प्रिंटर से अधिक महंगा। 
2. आमतौर पर विभिन्न प्रकार के रंगों में तथा उच्च क़्वालिटी आकृतियों जैसे फोटो छापने में कम। 
3. टोनर तथा ड्रम का बदलना महँगा। 
4. इंकजेट प्रिंटर्स से बड़ा तथा भारी। 
5. वॉर्म अप टाइम आवश्यक।                                                                           
Laser printer

 
 

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