लेजर डायोड LASER का विस्तृत रुप Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation होता है | लेजर प्रकाश , एकल तरंग लम्बाई वाला स्पष्ट प्रकाश होता है , जिसकी तरंग लम्बाइयों का बैंड चौड़ा होता है | लेजर प्रकाश स्पष्ट होता है , जबकि LED का प्रकाश अस्पष्ट होता है | लेजर डायोड की संरचना लेजर डायोड , p व n-प्रकार के अर्द्धचालक पदार्थो से मिलकर बना होता है | लेज़र डायोड की संरचना हेतु गैलियम आर्सेनाइड व इनडियम फॉस्फाइड का प्रयोग किया जाता है | इसमें n-प्रकार का अर्द्धचालक पदार्थ सबस्ट्रेट का कार्य करता है। इसका p-n जंक्शन,गैलियम आर्सेनाइट (gallium arsenide ) की दो परतो से निर्मित होता है। इसके p-n जंकशन की लम्बाई प्रकाश की तरंग लम्बाई के साथ शुद्ध रूप से सम्बन्धित होती है। p-n जंक्शन की एक सतह चमकदार बनाने के लिए पूर्ण परावर्तित प्रकार की तथा दूसरी सतह आंशिक रूप से परावर्तित (partially reflective) बनाई जाती है। इसके बाह्य संयोजन सिरे एनोड एवं कैथोड साथ संयोजित होते है। लेजर डायोड की कार्यप्रणाली लेसर डायोड को जब किसी बाह्य वोल्टेज स्रोत द्वारा फारवर्ड बायस में संयोजित किया जाता है, तब इलेक्ट्रॉन्स जंक्शन की ओर प्रवाहित होते है। जैसे ही ये इलेक्ट्रॉन्स जंक्शन को पार करके, होल्स के साथ संयोजित होने के लिए होल्स पर गिरते हैं, तब फोटॉन्स मुक्त होकर परमाणु से टकराते हैं, जिससे अन्य फोटॉन्स मुक्त होते हैं। इस स्थिति में, फॉरवर्ड धारा बढ़ने से डिप्लीशन रीजन (depletion region) में और भी अधिक इलेक्ट्रॉन्स प्रवेश करते है एवं पहले से अधिक फोटॉन्स उत्सर्जित होते हैं। अंत कुछ फोटॉन्स अनियमित रूप से रीजन के अंदर गिरते हैं, जोकि परावर्तित सतह से टकराकर लम्बवत् रूप से परावर्तित हो जाते हैं, ये परावर्तित फोटॉन्स डिप्लीशन रीजन से आगे बढ़कर परमाणुओं से टकराकर एवं एवलाँचे प्रभाव (avalanche effect) के कारण अतिरिक्त फोटॉन्स मुक्त करते हैं। एक ओर से दूसरी ओर फोटॉन्स की यह क्रिया फोटॉन्स को उत्पन्न करने की गति को तब तक बढ़ाती है, जब तक कि तीव्र बीम, फोटॉन्स के द्वारा नहीं बन जाती है, जोकि p-n जंक्शन के आंशिक रूप से परावर्तित सतह से गुजरकर p-n जंक्शन से बाहर निकलती है। p-n जंक्शन से एकल तरंग लम्बाई की प्रकाश की तीव्र बीम को p-n जंक्शन से बाहर निकालते है। धारा के जिस स्तर के ऊपर लेजर प्रभाव घटता है ,p-n जंक्शन डायोड , LED के समान व्यवहार करता है। लेसर डायोड का अभिलक्षण यह एक ऐसा वक्र है, जो प्रकाश आउटपुट (L) एवं धारा (I) के मध्य खींचा जाता है। इसलिए यह L/I वक्र भी कहलाता है कि प्रकाश आउटपुट, तापमान पर निर्भर है। धारा के एक निश्चित मान के बाद एक लेसर क्रिया सम्पन्न होती है, जिसके कारण थ्रैशहोल्ड धारा (threshold current ) उत्पन्न होती है। लेसर डायोड की थ्रैशहोल्ड धारा का मान तापमान में वृद्धि होने से तीव्र गति से बढ़ता है। लेसर डायोड के अनुप्रयोग (i) बारकोड रीडर (ii) ऑप्टिकल फाइबर प्रणाली (iii) कॉम्पैक्ट डिस्क प्लेयर (iv) लेसर प्रिंटर |
LED TV LED टेलीविजन, LCD का सुधारा हुआ रूप है, जिसमें प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) तकनीक का प्रयोग किया जाता है। हम जानते हम जानते है कि LED इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में प्रयुक्त किया जाने वाला वह सूक्ष्म अवयव है, जो अपने अंदर से धारा (current) के प्रवाहित होने की स्थिति में प्रकाश उत्पन्न करने में सक्षम है। LED का उपयोग LCD पैनल युक्त स्क्रीन को प्रकाश प्रदान करने के लिए भी किया जाता है। SUMSUNG LED TV LED TV की संरचना LED टी.वी. में भी LCD टी.वी. के सामान लिक्विड क्रिस्टल तकनीक का प्रयोग किया जाता है,किन्तु प्रकाश का स्रोत भिन्न-भिन्न होते है, जोकि स्क्रीन पर इमेज प्रदर्शित करते हैं। LED टी.वी. में इज लाइटिंग (edge lighting ) एवं पूर्ण क्षेत्र की लाइटिंग (full area lighting) प्रयोग की जाती है। इसमें इज लाइटिंग को स्क्रीन के किनारों के बाहर की ओर श्रेणी-क्रम में व्यवस्थित जाता है। जब LED को पावर सप्ल...
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