Machine language
(1) इस पीढ़ी की language को machine या low level language कहते हैं।
(2) यह language machine विशेष पर निर्भर करती है।
(3) एक ऐसी पहली programming थी, जिसमे binary code के 0 व 1 का उपयोग किया गया था।
(4) इन language में बहुत ही तकनीक व विशेषज्ञ व्यक्ति ही कार्य कर सकते थे।
(5) साधारण user का इन language में कार्य करना बहुत मुश्किल था।
(6) इन्हे सीखना बहुत कठिन था।
(7) इन्हे पढ़ना, लिखना व त्रुटियाँ निकालना भी बहुत कठिन कार्य था।
(8) programmer के समय के रूप में ये बहुत ही महँगी language थी। Assembly language (1) ये Language 0 , 1 व कुछ विशेष sing (symbol) जिसे MNEMONICS कहते हैं। जैसे - ADD,SUB, LOAD, SUM आदि ) का उपयोग करती है। इसलिए इन्हे assembly language कहते हैं।
(2) ये language विशेष machine व विशेष microprocessor (CPU)को आधार मानकर बनायी जाती है जैसे -
(i) INTEL (IBM) microprocessor के लिए assembly language.
(ii) MOTOROLA (APPLE) Microprocessor के लिए assembly language .
(3) एक language translator जो कि assembler कहलाता है, यह assembly language program को machine की language में बदलने के लिए जरुरी होता है।
(4) इस language में programmer को programming के लिए, किसी विशेष computer के लिए बहुत आसानी व control होता है। यहाँ पर कोई specialized person ही programming कर सकता है।
(5) Numeric (number) code की जगह पर alphabets का उपयोग उन्हें याद रखने में आसान होता है।
(6) इसे भी machine language की तरह सीखना कठिन था।
(7) इसमें भी read, write व error search करना कठिन था।
(8) इसकी कीमत ( programmer के समय के रूप में ) बहुत ज्यादा थी।
(9) यह system software में भी उपयोग की जाती है।
(10) इसे आज भी computer की programming method के रूप में machine आधारित language में उपयोग किया जाता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें