इंटरनेट
इंटरनेट एक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली तकनीक है, जिसके द्वारा हम विश्व के प्रत्येक कोने से अपने आप को जोड़ सकते हैं। राजनीति, कला, विज्ञान, खेल, मनोरंजन या किसी अन्य क्षेत्र से सम्बन्धित सभी जानकारियाँ हम इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। इंटरनेट पर कार्य करते समय हम दुनिया के किसी भी व्यक्ति से सम्पर्क कर सकते हैं, दोस्तों से बाते कर सकते हैं या रोजगार आदि भी ढूँढ सकते हैं यहाँ तक कि आधुनिक समय में इंटरनेट के जरिए शादियाँ तक भी होने लगी हैं और अब तो इंटरनेट को विज्ञापन का माध्यम भी बनाया जा चुका है।इंटरनेट को हिंदी में अन्तरजाल कहा जाता है।
इंटरनेट से जुड़ने के लिए प्रत्येक कम्प्यूटर में एक निश्चित भाषा (language) का प्रयोग करना आवश्यक होता है। भाषा का अभिप्राय ऐसे सॉफ्टवेयर से होता है, जो विभिन्न प्रकार की मशीनों और प्रयोगकर्ताओं को आपस में सम्बन्ध (connect) करता है। वास्तव में इंटरनेट कम्प्यूटरों को आपस में विशाल नेटवर्क है , जिसके माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान बड़ी आसानी से किया जा सकता है।
इन्टरनेट का विकास
हाल के वर्षो में इन्टरनेट विस्तार इतनी तेजी से हुआ है कि पूरा संसार आश्चर्यचकित हैद्य इन्टरनेट का विस्तार वर्ल्ड वाइड वेब की उपयोगिता के कारण हुआ है जो आज सूचनाओं का सबसे बड़ा स्रोत है। वर्ल्ड वाइड वेब किसी भी व्यक्ति को बहुत समय में आवश्यकता की सूचनाएं खोजने की सुविधा प्रदान करता है और इसके उपयोग सरलता के कारण ही इन्टरनेट की उपयोगिता बढ़ी हैं।
इन्टरनेट के विस्तार का दूसरा प्रमुख कारण इसकी सरलता और सुगमता है। इन्टरनेट से जुड़ना और किसी साइट को खोलना उतना ही सरल है जितना टेलीफोन पर किसी नम्बर को डायल करना है।
इन्टरनेट के विस्तार का तीसरा प्रमुख कारण संचार की सुविधा है क्योंकि इन्टरनेट के माध्यम से हम बहुत ही कम खर्च में किसी भी व्यक्ति कोई भी डेटा या सूचना प्राप्त कर सकते हैं। यह एक ऐसी सुविधा है जो किसी अन्य माध्यम पर उपलब्ध नहीं है। इन्टरनेट और ईमेल के कारण ही हम पूरी दुनिया से जुड़े हुए हैं।
Infrastructure for Internet
इंटरनेट connectivity के लिए कम्प्यूटर में निम्नलिखित devices एवं technical specification होनी आवश्यक हैं -
(i) एक पेण्टियम MMX प्रोसेसर सहित, 32 MB या इससे अधिक की RAM या न्यूनतम 21 GB स्टोरेज क्षमता वाला कम्प्यूटर।
(ii) एक सी.डी. रोम (CD ROM) सहित विण्डोज 95/98/2000 ऑपरेटिंग सिस्टम।
(iii) एक वायरस-रोधी सॉफ्टवेयर (anti-virus software) ।
(iv) एक मॉडम (modem), जिसकी गति कम-से-कम 33.6 kbps या 56.6 kbps हो।
(v) एक टेलीफोन कनैक्शन, जिसे इंटरनेट के साथ सम्बद्ध किया जा सके।
(vi) एक TCP/IP प्रोटोकॉल।
इंटरनेट से सम्बन्धित टर्मिनोलॉजी
1. वेब ब्राउजर
यह वेब सूचनाओं से संगठन का एक विशाल समूह है। वेब के प्रत्येक सिंगल पेज को वेब पेज (web page) कहा जाता है तथा वेब पेज का पहला पेज होम पेज (home page) कहलाता है प्रत्येक वेब पेज से कुछ सूचनाओं एवं लिंक्स द्वारा अन्य वेब पेज जुड़े होते हैं वेब ब्राउजर विभिन्न प्रकार के होते हैं; जैसे - इंटरनेट एक्सप्लोर फायरफॉक्स, क्रोम आदि। इन सभी में से इंटरनेट एक्सप्लोरर एक महत्वपूर्ण वेब ब्राउजर है। उदाहरण के लिए, यदि हम इंटरनेट एक्सप्लोरर खोलना चाहते हैं, तो उसे निम्न प्रकार खोल सकते हैं
(i) डेस्कटॉप के ऊपर स्टार्ट बटन पर क्लिक करें। माउस प्वॉंइटण्र को Programs विकल्प के ऊपर ले जाएँ तथा Internet Explorer विकल्प पर क्लिक करें।अगर आपका कम्प्यूटर इंटरनेट सर्वर के साथ जुड़ा हुआ है, तो विण्डो खुल जाएगी। इंटरनेट सर्वर के साथ सम्पर्क स्थापित नहीं है, तो सम्पर्क स्थापित करने के साथ लिए एक विण्डो खुल जाएगी, जिसमें यूजर नेम एवं पासवर्ड लिखकर इंटरनेट से सम्पर्क स्थापित करते ही इंटरनेट एक्सप्लोरर विण्डो खुल जाएगी।
(ii) इसके अतिरिक्त यदि डेस्कटॉप पर इंटरनेट एक्सप्लोरर का आइकन है, तो उस पर डबल क्लिक (double click) करने से भी इंटरनेट एक्सप्लोरर को शुरू किया जा सकता है।
(iii) स्टार्ट बटन के पास टास्क बार स्थित इंटरनेट एक्सप्लोरर के आइकन पर क्लिक करने से भी इंटरनेट एक्सप्लोरर सॉफ्टवेयर को शुरू किया जा सकता है।
2. वेबसाइट
यह इंटरनेट द्वारा प्रदत्त सर्वाधिक लोकप्रिय और व्यावसायिक सेवा है। आज यह इतनी अधिक लोकप्रिय हो गई है कि इसी को इंटरनेट का पर्याप्त (synonym) माना जाने लगा है। इस सेवा का प्रयोग करके करके अपने उत्पाद या अपनी किसी विशिष्ट सेवा को पूरी दुनिया के सामने लाया जा सकता है। इसके लिए वेब पेज बनाना होता है और इंटरनेट पर पोस्टिंग करनी होती है। ऐसे स्थान जहाँ व्यक्ति अथवा संस्था अपने से सम्बन्धित सूचना को स्थापित करता है, ' वेबसाइट ' कहते हैं। प्रत्येक वेबसाइट को एक वेब एड्रैस दिया जाता है, जिसे URL (Uniform Resource Locator) कहते हैं। यदि आप किसी साइट का URL जानते हैं तो आसानी से उस साइट को खोल सकते हैं प्रत्येक URL निम्नलिखित प्रारूप के अनुसार होता है
https://ravitaigor.blogspot.com
यहाँ पर 'https' हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर (hyper text transfer protocol secure) होता है।
3. सर्च इंजन
सर्च इंजन एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा किसी भी विषय से सम्बन्धित विश्वव्यापी सूचनाएँ सरलता तथा शीघ्रता से प्राप्त की जा सकती है। भारत में सर्वप्रथम सर्च इंजन सन् 1994 में याहू (Yahoo) नाम से बना था। इंटरनेट पर वर्तमान समय में लगभग 100 से भी अधिक सर्च इंजन हैं, परन्तु एक भी सर्च इंजन ऐसा नहीं है, जो सभी जानकारियाँ पूर्ण रूप से प्रदान कर सके। ऐसा इसलिए है, क्योकि सर्च इंजन एक प्रकार का प्रोग्राम होता है, जिसे समय-समय पर अपडेट (update) किया जाना चाहिए। सर्च इंजन को अपडेट करने में समय लगता है तथा इस बीच के समय की नई जानकारियों को तत्ससम्बन्धित सर्च इंजन द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अतः कोई भी सर्च इंजन ऐसा नहीं है,जो इंटरनेट पर उपलब्ध सभी जानकारियों को एक समय पर सुलभ करा सके।
कुछ प्रसिद्ध सर्च इंजन; जैसे -www.yahoo.com, www.alvistadigital.com, www. Lycos. com, www.google. com
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